मंगलवार, 3 मार्च 2015

मै तो तेरा हुआ......




तुमको पा के...
ऐसा लगा के....
सब कुछ पा लिया है...!
मेरे ख़ुदा..
मै तो तेरा हुआ..!
जबसे वो................मेरा हुआ है!!



तेरी गलियाँ..!.....................भा गई मुझको..!!
नजरें जबसे..!......................पा गई तुझको..!!
वल्लाह..!!!
मेरे ख़ुदा..
मै तो तेरा हुआ..!
महबूब को मेरे..............तूने क्या जलवा दिया है.....!!




स....प...ध....म....गा...





शायरी अब तो..!.................आ गई मुझको..!!
लगन वो कोई..!..................लगा गई मुझको..!!
वल्लाह..!!!
मेरे ख़ुदा..
मै तो तेरा हुआ..!
जबसे कानों में..............उसने कुछ कहा है..!!








क्या-क्या अब मै..!................सुनाऊ तुमको..!!
बातें उसकी कैसे..!................बताऊ तुमको..!!

प..मा..म..म...गा..रे....सा.....

वल्लाह..!!!
मेरे ख़ुदा..
मै तो तेरा हुआ..!
जहाँ भी देखूं....................वही दिखता है..!!







आजा इश्क की..!....................भंग पिलाऊ तुझको..!!
रंग में अपने..!.......................भिगाऊ तुझको.!!
वल्लाह..!!!
मेरे ख़ुदा..
मै तो तेरा हुआ..!
तू-ही-तू है महकता................जबसे उसने छुआ है..!!





                  
                                        -‘’कृष्णा मिश्रा’’

                                        ०३ मार्च २०१५

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