शनिवार, 11 अप्रैल 2015

क्षणिकाएं: व्यवहार

१) प्राणिमात्र के प्रति
  आपका व्यवहार ही अस्ल में
  सबसे बड़ी पूजा है,
  और भवसागर पार करने का..
  सबसे आसान और उत्तम साधन!

२) गर सुदामा सा हो व्यवहार
  तो स्वयं भगवान भी
  नंगे पाँव दौड़े आते है,गले से लगाने!

३) व्यवहार वह कुंजी है,
   जिससे मनुष्य के हृदय का
   ताला खुलता है!

४) व्यवहार ही वह माध्यम है
   जिससे ज्ञान के द्वार खुलते है,
   क्युकी गुरु शिष्य की बुद्धि देखकर नही..
   वरन! व्यवहार देखकर ही अपनी कृपा बरसाता है!
 
५) व्यवहार सबसे बड़ा धर्म है,
   इसमें समाहित है...सच्ची-
   युक्ति,शक्ति,भक्ति,तृप्ति,मुक्ति!





    -कृष्णा मिश्रा
    ११ अप्रैल २०१५

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